27 aug 2023 ,आमतौर पर राजनीति, कला, साहित्‍य, विज्ञान के क्षेत्र में विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवा क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले नागरिकों को जीवित रहते या मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया जाता है।

सबसे पहला सम्मान वर्ष 1954 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को एवं अंतिम सम्मान 26 जनवरी 2019 को सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), गायक-संगीत निर्देशक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रदान किया गया था।

जहाँ एक तरफ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व॰ पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान वर्ष 1955 में उपरोक्त सम्मान से सम्मानित किया गया, वही दूसरे तरफ आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही मिलने वाले इस सम्मान में 3 विदेशी नागरिकों मदर टेरेसा, पाकिस्तान के अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को भी भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया है।

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