छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव नजदीक है और टिकट दिए जाने को लेकर मंथन जारी है, वहीं दूसरी ओर कोंडागांव कांग्रेस पार्टी की राजनीति ने नया मोड़ लिया है, कांग्रेस पार्टी की नीव माने जाने वाले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के द्वारा मोहन मरकाम को टिकट दिए जाने का विरोध किया जा रहा है, कार्यकर्ता और पदाधिकारी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा और PCC चीफ दीपक बैज से मिलने पहुंचे,

कोंडागांव कांग्रेस पार्टी की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले दशकों से समर्पित वरिष्ठ कार्यकर्ता मनीष श्रीवास्तव जिनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है क्या ऐसे कार्यकर्ताओं का नाराज होना वह भी चुनाव के समय पर पार्टी के हार का कारण बन सकता है?

मनीष श्रीवास्तव के द्वारा अपने क्षेत्र की जनता के विचारों को लेकर कुमारी शैलजा और PCC चीफ दीपक बैज से मांग की गई हैं कि किसी अन्य को आगामी विधानसभा का टिकट दिया जाए, वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं और वे जानते हैं कि कार्यकर्ता हमेशा कार्यकर्ता बने रहने के लिए ही राजनीति में नहीं आता है, उसकी भी कुछ इच्छाएं होती है क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने की, अत: पुराने कार्यकर्ताओं को भी मौका मिलना अति आवश्यक है, जो लंबे समय से पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं,

राजनीतिक पार्टी में कार्यकर्ताओं का महत्व बहुत अधिक होता है। यह कार्यकर्ताओं की मेहनत, संघर्ष और समर्पण के बिना संभव नहीं होता। कार्यकर्ताओं के बिना किसी राजनीतिक पार्टी की सफलता संभव नहीं होती है। कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य होता है लोगों को संगठित करना और पार्टी के लक्ष्यों और विचारों का प्रचार करना। वे सभाओं का आयोजन करके लोगों को पार्टी के मुद्दों के बारे में जागरूक करते हैं। कार्यकर्ताओं का महत्व यह है कि वे आम जनता के मध्य होते हैं और उनकी आवाज को पार्टी तक पहुंचाते हैं। वे अपने क्षेत्र में जनसंपर्क के माध्यम से लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें पार्टी के नेताओं तक पहुंचाते हैं। कार्यकर्ताओं की मेहनत और संघर्ष के बिना किसी भी राजनीतिक पार्टी की नेतृत्व की स्थापना नहीं हो सकती है। वे चुनावों में जनता को वोट देने के लिए प्रेरित करने और पार्टी के उम्मीदवारों का समर्थन करने में मदद करते हैं। कार्यकर्ताओं का महत्व एक राजनीतिक पार्टी के लिए अनमोल होता है । वे पार्टी की सोच और विचारों को आम जनता तक पहुंचाने में मदद करते हैं और सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए संघर्ष करते हैं।

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इस विषय पर जनता की राय जाने तो ,यह मांग उठ रही है की (नए चेहरे को मौका दिया जाए)। ( मनीष और उन सैकड़ो कार्यकर्ताओं की मांग जायज है, क्योंकि मनीष ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कांग्रेस के विरोध में नहीं हैं ) (अगर प्रजातंत्र की जीत के लिए किसी व्यक्ति विशेष का विरोध कोई कर रहा है तो हम उसका समर्थन करते हैं)

देखते हैं आगे क्या निर्णय होता है, कांग्रेस हाई कमान यह डैमेज कंट्रोल कैसे करती है ,वे पार्टी के हित में निर्णय लेते है या कार्यकर्ताओं के हित में या व्यक्ति विशेष के हित में। नए-नए अध्यक्ष बने दीपक बैज के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है और इस चुनौती को हल्के में लेना उचित नहीं है।

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